परमाणु परिक्षण


1. 18 मई, 1974 में पोखरण,जैसलमेर (राजस्थान) में भारत ने स्वदेशी पहला परीक्षणीय परमाणु विस्फोट किया। यह बम 12 किलोटन क्षमता का था।
2. पहले परीक्षण के 24 वर्षों के बाद पोखरण में दूसरी बार 11 मई व 13 मई, 1998 को परमाणु परीक्षण किया गया जिसे "शक्ति-98" नाम दिया गया।
3. सब किलोटन (अर्थात एक किलोटन से कम) विस्फोटों का सबसे बड़ा भाग गया है कि यदि भारत ने समग्र परमाणु परीक्षण निषेध संधि (CTBT) पर हस्ताक्षर कर भी दिए, तो इस विस्फोटक तकनीकी के माध्यम के बाद प्रयोगशाला में भी परीक्षणों को जारी रखा जा सकता है।
4. "शक्ति-98" योजना की सफलता का श्रेय वैज्ञानिको को संयुक्त रूप से जाता है-
(i). आर.चिदंबरम
(ii). डॉ एपीजे अब्दुल कलाम
(iii). अनिल काकोडकर।
5. 1974 के परमाणु परीक्षण में मात्र प्लूटोनिक ईधन  का उपयोग हुआ था, जबकि वर्ष 1998 में परिशोषित यूरेनियम से लेकर ट्रीटियम, डयूटेरियम तक का उपयोग किया गया।
6. ट्रीटियम ईधन परमाणु ऊर्जा रिएक्टरो में प्रयोग में  लाए जाने वाले भारी जल से प्राप्त किया जाता है।

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